फर्जी डोप टेस्ट रिपोर्टें जारी करने के बदले रिश्वत लेने के मामले में विजीलेंस ब्यूरो द्वारा घोटाले का पर्दाफाश

फर्जी डोप टेस्ट रिपोर्टें जारी करने के बदले रिश्वत लेने के मामले में विजीलेंस ब्यूरो द्वारा घोटाले का पर्दाफाश

Vigilance Bureau Busts Scam

Vigilance Bureau Busts Scam

सरकारी अस्पताल के दो कर्मचारी 10,000 रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार

चंडीगढ़, 17 अप्रैल: Vigilance Bureau Busts Scam: पंजाब विजीलेंस ब्यूरो ने जिला कपूरथला के सरकारी अस्पताल भुलत्थ में चल रहे एक घोटाले का पर्दाफाश किया है, जहाँ कुछ कर्मचारी फर्जी नेगेटिव डोप टेस्ट रिपोर्टें जारी करने के बदले रिश्वत वसूल रहे थे।

मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन पर प्राप्त शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए विजीलेंस ब्यूरो ने वार्ड अटेंडेंट मनप्रीत सिंह उर्फ सोनू तथा ठेका-आधारित कंप्यूटर ऑपरेटर भोलू उर्फ इस्माईल को 10,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

उक्त अस्पताल में तैनात डॉ. मोहितपाल और एक अस्थायी लैब तकनीशियन मान सिंह की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

आज यहां जानकारी देते हुए राज्य विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता से नेगेटिव डोप टेस्ट रिपोर्ट जारी करने के बदले 10,000 रुपए की रिश्वत ली थी।

आगे की जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी नियमित रूप से डोप टेस्ट के नतीजों में हेराफेरी कर रिश्वत लेते थे और इन फर्जी रिपोर्टों का इस्तेमाल हथियार लाइसेंस प्राप्त करने या पुराने लाइसेंस का नवीनीकरण कराने के लिए किया जाता था। शिकायतकर्ता ने रिश्वत की मांग संबंधी ऑडियो/वीडियो सबूतों के साथ-साथ असली और फर्जी रिपोर्टें भी प्रमाण स्वरूप प्रस्तुत की हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि इस संबंध में दिनांक 17.04.2025 को भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7 और 7-A, तथा भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) के अंतर्गत विजीलेंस ब्यूरो थाना, जालंधर रेंज में एफआईआर नंबर 19 के तहत केस दर्ज किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि विजीलेंस ब्यूरो, जालंधर रेंज इस मामले से जुड़े अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी गहन जांच कर रहा है और भ्रष्ट आचरण का पूरी गंभीरता से पर्दाफाश किया जाएगा।